उपनिषद् अध्ययन के अंतर्गत अब "कठोपनिषद" के ऑनलाइन अध्ययन का समय आ गया है। नचिकेता और यमाचार्य का वह संवाद जो ब्रह्म विद्द्या का एक अनूठा मर्म है, उसमें से उद्भासित होने वाले अनेकों सत्य प्रत्येक जीव के लौकिक और आध्यात्मिक जीवन को बहुत बड़ा बल हैं। हम कह सकते हैं की कठोपनिषद का ज्ञान एक ऐसा बल है जिसके द्वारा जीव अपनी जिजीविषा - संकल्प शक्ति को अनेकों गुना अधिक प्रचण्ड बना सकता है।
कठोपनिषद ज्ञान का प्रभाव हमारी लौकिक बुद्धि को ऐसा उत्कर्ष प्रदान करता है जिससे नित्य और अनित्य का भेद हमारी दृष्टि में इतना गहराने लगता है कि जीवन की प्राथमिकताओं के प्रति पूरी दृष्टि ही बदलने लगती है। कठोपनिषद का अध्ययन जिन स्तरों पर हमारी सजगता को छू जाता है उसके प्रति कहा जा सकता है की इससे प्राप्त सार को जल्दी से विस्मृत नहीं किया जा सकता है।
प्राचीन भारतीय मनीषा अर्थात सनातन देव संस्कृति के अद्भुत सनातन सत्य का बोध कठोपनिषद के अध्ययन द्वारा प्राप्त होता है।
1. वर्तमान कठोपनिषद ऑनलाइन अध्ययन लगभग 55 घंटे का रहेगा। कक्षाएं रिकार्डेड स्वरूप में उपलब्ध रहेंगी। प्रश्नोत्तरी एवं ध्यान हेतु सत्र लाइव स्वरूप ऑनलाइन रहेंगे .
2. प्रत्येक कक्षा 1 घण्टे की अवधि (60 मिनट) की रहेगी। किसी दिन एक साथ दो कक्षाएं भी हो सकती हैं।
3. अध्ययन हेतु मूल माध्यम हिंदी भाषा में ही रहेगा। मात्र कुछ शब्द अनुवाद सहित अंग्रेजी में होंगे।
4. यह अध्ययन नोट्स सहित ही पूर्ण होगा।
5 . इस अध्ययन के साथ-साथ 3 अथवा अधिक सत्र विशेष ध्यान के भी रहेंगे।
6. प्रत्येक कक्षा की रिकॉर्डिंग पुनरावलोकन हेतु 48 घंटे तक ही उपलब्ध रहेगी।
7. जिन साधकों की कक्षाएं किन्ही अपरिहार्य कारणों से छूट जाएँगी उन्हें विशेष अनुरोध प्राप्त होने पर पुनरावलोकन का एक अवसर दिया जायेगा।
8. प्रत्येक कक्षा से पूर्व कुछ समय नाद का अभ्यास रहेगा।
9. कक्षाएं प्रत्येक सप्ताह के शनिवार एवं रविवार सायं काल में रहेगी . जिस दिन किसी अपरिहार्य कारणों से कक्षा सम्भव नहीं होगी तो उस हेतु पूर्व में सभी को सूचना दे दी जाएगी।
10. प्रकाशित नोट्स केवल भारत में ही डाक द्वारा भेजे जाएंगे। E-Notes का कोई प्रावधान नहीं है।
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