इच्छाएं किसी की पूरी नहीं होती और संकल्प किसी के अधूरे नहीं रहते हैं।
संकल्प शक्ति प्रचंड शक्ति। जिसके जागृत होने के उपरांत ईश्वर द्वारा दी गई वो क्षमता सक्रिय हो जाती है। जिसे हम अंग्रेजी में free will कहते हैं, उस free will का अगर कोई ठीक रूपांतरण हिंदी में है तो वो संकल्प है। मनुष्य का जीवन 2 सत्य पर आधारित है, जिनमें निश्चित रूप से कर्म फल और पुनर्जन्म। यह 2 आधार ऐसे हैं जिस पर हमारी पूरी प्राचीन भारतीय मनीषा, (the entire ancient Indian wisdom) आधारित है और इसमें साथ में हैं संकल्प की क्षमता। मनुष्य न केवल कर्मों की प्रतिक्रिया स्वरूप अपने भाग्य को भोगता है, अपितु भाग्य की रचना करना भी यह उसी में ही निहित क्षमता है। जिस कलम द्वारा भाग्य की रचना की जा सकती हैं उस कलम को हम संकल्प शक्ति कहते हैं।
उस संकल्प शक्ति के माध्यम से मनुष्य व्यक्तिगत स्तर पर आरूढ़ हो जाए तो ईश्वर को अपने संकल्प पूरा करने हेतु बाध्य कर सकता है। अगर तुम्हारा लक्ष्य कोई ऐसा है जिसमें लाखों करोड़ो लोग जुड़े हैं तो संभावना है कि समय अधिक लग जाए। पर अगर केवल व्यक्तिगत जीवन तक कोई भी लक्ष्य उद्देश्य सीमित है तो मनुष्य संकल्प की शक्ति के द्वारा अपने जीवन में परिवर्तन ला सकता है। संकल्प की शक्ति किस प्रकार जागृत हो, यह पूरा mentoring कार्यक्रम उसी पर आधारित है। 30 से अधिक सेशन + अनेक exercises एवं ईमेल के द्वारा यह mentoring अपने उद्देश्य पर आगे बढ़ती है। इस mentoring हेतु तुम अपना मन बना सको अतः नीचे अवश्य गंभीरता पूर्वक पढ़ो और दिए गये लिंक की वीडियो भी अवश्य देखो और मन बने तो बटन दबा कर अपना पंजीकरण पूर्ण करने में कोई समय नहीं गवाना।
संकल्प शक्ति मेंटरिंग से पूर्व एक भाव पर विचार करना। क्या भाग्य सत्य है ? हाँ भाग्य सत्य है और उतना ही सत्य है जितना की पुरुषार्थ सत्य है। Fate and Free Will both are facts beyond any doubt. तुम इन दोनों में जिसे चाहो उसे अपने जीवन का operating system बना कर अपना जीवन संचालित कर सकते हो। पर हाँ इतना अवश्य है की मनुष्य का कर्म अर्थात उसका संकल्पित पुरुषार्थ ही उसके भाग्य का निर्माण करता है।
संकल्प की प्रचंड शक्ति के द्वारा मनुष्य अपने भीतर के उन सभी बाधाओं को जड़ से भस्म कर सकता है जो उसके जीवन की प्रगति में - उसके सपनो को चरितार्थ होने से रोकती है। भीतर का असंयम - काम को टालते चले जाने के लम्बे अभ्यास - नकारात्मक सोच जो पीछा ही नहीं छोड़ती - अस्थिर मन जो टिकना ही नहीं चाहता - उत्साह की कमी की महत्वपूर्ण उद्देश्यों पर पहला कदम उठता ही नहीं है - अनजाना निरर्थक भय जो हृदय की शक्ति को निचोड़ डालता है - अपने ऊपर अविश्वास ऐसा की मन स्पष्ट होता नहीं और बड़े काम के प्रति हूक उठती ही नहीं - दूसरों पर इतना ध्यान की प्रतिपल ईर्ष्या अथवा मूल्यांकन सारी ऊर्जा चाट जाता - जीवन उद्देश्य स्पष्ट ही नहीं है - एक के बाद एक असफलता ने तोड़ दिया की अब मन डूब गया - विचित्र से भीतर छटपटाहट - मुझे पता है की मुझे क्या चाहिए पर मेरे साथ ही हर बार उल्टा क्यों - पता नहीं जो चाहा है वह कभी होगा भी की नहीं -
ऐसे न जाने कितने भाव - विचार रह रह कर मन के साम्राज्य में ऐसा घर बना डालते हैं की अच्छा खासा प्रतिभाशाली जीव सभी कुछ होते हुए भी स्वयं को उद्देश्य पूर्ति हेतु झोंकने से छूटा रह जाता है। यह सभी उपरोक्त भाव संकल्प शक्ति मेंटरिंग रचने से पूर्व हमारे मन में रहे उनके निदान हेतु यह मेंटरिंग रची गयी है। बुद्धि और गहरे अंतर्मन के आधार पर कैसे आध्यात्मिक एवं सतही प्रयोग किए जाएं की मनुष्य के भीतर से वह बादल छट जाएं जो उसकी आत्मिक प्रगति को बाधित करते हैं। यही इस मेंटरिंग का भाव रहेगा।
इस ऑनलाइन मेंटरिंग हेतु देय राशि: ₹15,500
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