Mandukya Upanishads / माण्डूक्य उपनिषद्

ऋषियों की मेधा द्वारा मात्र 12 श्लोकों में विस्तार समाहित,
क्या आप अध्ययन नहीं करना चाहोगे।

  • ॐ की साधना क्यों करनी चाहिए ?
  • ॐ का प्रयोग प्रत्येक मंत्र में क्यों होता है ?
  • ॐ की साधना से हमारे व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन आते हैं ?
  • उपनिषद् पर आधारित विशेष ध्यान साधना किस प्रकार की है ?

आत्मीय साधक,

1 . यह अध्ययन लगभग 18 कक्षाओं और 2 ध्यान के सत्र द्वारा पूर्ण होगा। सम्पूर्ण कार्यक्रम ऑनलाइन ही रहेगा। इस अध्ययन हेतु वर्तमान में किसी प्रकार के नोट्स इत्यादि प्रदान नहीं किए जाएंगे। प्रत्येक कक्षा की अवधि भिन्न रहेगी। कक्षाओं की अवधि 25 मिनट से 55 मिनट तक रहा करेगी। कक्षाओं का समय सांय 0630 आरम्भ होगा और उनकी रिकॉर्डिंग प्रति दिन रात्रि 0930 बजे तक उपलब्ध रहेगी। प्रति दिन कक्षा में प्रवेश (Access) हेतु आपकी ईमेल में लिन्क 0615 बजे तक पहुंचा करेगा। किन्हीं कारणों से जो अध्ययन कर्ता कक्षा का श्रवण करने से चूक जाएंगे, उन्हें उस चूकि गई कक्षा का स्त्रोत पूरे अध्ययन कार्यक्रम के उपरान्त मांगने पर ही प्रदान किया जायेगा। साधक ईमेल के द्वारा ही पढ़ाये गए विषय पर अपनी जिज्ञासा का निदान पूछ एवं प्राप्त कर पाएंगे। सम्पूर्ण कक्षाएं YouTube के माध्यम द्वारा रिकॉर्ड की गई कक्षाओं के स्वरुप में आपको प्रदान की जाएंगी।

2. केवल 2 ध्यान के विशेष सत्र प्रातः 0600 बजे लगभग 25 से 30 मिनट की अवधि हेतु YouTube द्वारा ही प्रदान किए जाएंगे। ध्यान के विषय पर दिन अर्थात कौन से दिन साधक को उनमे भाग लेना होगा, उसकी सूचना पूर्व में ही प्रदान की जाएगी।

3. यह माण्डूक्य उपनिषद की कक्षाएं ज्ञान ऋण से मुक्त हैं, अर्थात विद्यार्थी कुछ भी देने के बोझ से मुक्त किया जाता है। कक्षाएं पूर्ण होने के उपरान्त जिनके मन में अध्यापक को कुछ देने का मन हो तो वह आगे आ सकते हैं। अन्यथा अध्यापक ने इस ज्ञान को अपने ऋण से मुक्त किया है।

 

विशेष ध्यान: ऐसा अनेको बार अनुभव में आया है की हमारे द्वारा भेजी गई ईमेल आपके किसी अन्य फोल्डर में जाने के कारण आपको दिखाई नहीं देती है। इसलिए अनुरोध है की कृपया प्रति दिन कक्षा आरम्भ होने से पूर्व अगर हमारे द्वारा भेजी गई मेल आपको दिखाई नहीं दे तो उसे अपने सभी ईमेल फ़ोल्डर्स में अवश्य देख लें। आपका ज्ञान चरितार्थ हो, अपनी सीमित क्षमता के अन्तर्गत अध्यापक,

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