एक ऐसी अद्धभुत कहानी जो अपने मुख्य पात्र के साथ बीत रहे घटना क्रम से पाठक को कुछ गहरा सन्देश एवं प्रेरणा देना चाहती है। इस पुस्तक में लिखे गए शब्द वास्तविकता के अत्यंत समीप है। कल्पना जगत का प्रयोग इस कहानी में किसी अनजाने यथार्थ की ऒर संकेत देता है। ऐसा मेरा मानना है की आप इसे पढ़ते पढ़ते इतना खो जायेंगे की प्रतीत होने लगेगा की कहीं यह मै ही तो नहीं। कुछ कर पाने के लिए जिस आंतरिक विश्वास और स्थिरता की जीवन में आवश्यकता होती है अगर कहीं से हमारे भीतर आ जाये तो भाग्य को भी करवट दी जा सकती है। ऐसा हमारा गहरा विश्वास है।
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