नवरात्रि छटा दिवस माँ ‘कात्यायनी’

नवरात्रि छटा दिवस माँ ‘कात्यायनी’

नवरात्रि छटा दिवस माँ ‘कात्यायनी’


  1. महिषासुर मर्दनी माँ ‘कात्यायनी’ जो भद्र काली के नाम से भी जानी गई.

  2.  कहते हैं माँ ‘कात्यायनी’ की उपासना माँ सीता, राधा और रुक्मणि ने अच्छे वर की प्राप्ति हेतु की थी। 

  3. माँ कन्याकुमारी भी इन्हीं का अवतरण हैं। 

  4. माँ ‘कात्यायनी’ से सम्बन्धित ग्रह ‘बृहस्पति’ है.

  5. माँ ‘कात्यायनी’ से सम्बंधित रंग लाल.

  6. माँ ‘कात्यायनी’ का भोग है मधु-शहद.

  7. माँ ‘कात्यायनी’ का शरीर में स्थान है आज्ञा चक्र। 

  8. माँ के जप से उत्साह की वृद्धि होती है और कवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है, ऐसा ज्ञानी कहते हैं। 


  1. माँ के जप हेतु लघु मन्त्र 

ॐ देवी कात्यायन्यै नम:


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


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