नवरात्री का प्रथम दिवस "शैलपुत्री"

नवरात्री का प्रथम दिवस "शैलपुत्री"

नवरात्री का प्रथम दिवस शैलपुत्री देवी की स्तुति हेतु ज्ञानियों ने रचा है। 


  1.  दक्ष पुत्री और शिव की अर्धांगनी जो अगले जन्म हिमालय पुत्री के रूप में जन्म लेती हैं। माँ पार्वती का अवतरण हैं।  


  1.  बैल पर विराजमान हैं।  दाएं हाथ में त्रिशूल है. बांए में कमल। 


  1. लाल रंग इनकी स्तुति में प्रयोग होता है, लाल पुष्प इत्यादि , घी अर्पण के द्वारा इनका पूजन किया जाता है।  


  1. रोग मुक्ति की इनसे प्रार्थना करते हैं। 


  1. कहते हैं जिनकी जन्म कुंडली में चंद्र का दोष हो उन्हें इनकी उपासना करनी चाहिए। 


  1.  लघु मंत्र; मंत्र - ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:। माला से जप करना हो तो इसी मंत्र का करें। 


पूर्ण मन्त्र है ;

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।


  1.  मनुष्य शरीर में स्थान मूलाधार चक्र है। 


  1. सम्बन्धित औषधि है, हरड़ अर्थात  हरीतकी। 

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