पुरुषार्थ मूल है,

पुरुषार्थ मूल है, पुरुषार्थ मूल है, पर अगर उपयुक्त भाव तरंगें नहीं छोड़ो तो सब व्यर्थ हो जाता। वर्चसश्री दिनेश कुमार https://dineshji.com

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