बहाने ढूंढते हो क्या?

बहाने ढूंढते हो क्या? बहाने ढूंढते हो क्या? ऐसी ही करते रहे तो बस सागर की लहरें गिनोगे-कुल परिणाम छूँछ के छूँछ। वर्चसश्री दिनेश कुमार https://dineshji.com

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