नवरात्रि चतुर्थ दिवस माँ कूष्माण्डा
केवल मुस्कुराहट मात्र से ब्रह्माण्ड की रचना करने वाली माँ कूष्माण्डा।
अष्टभुजा धारी स्वास्थ्य और शक्ति को प्रदान करने वाली है।
माँ सिद्धि दाता है।
माँ को पेठे (कुष्मांडा) की बलि प्रदान की जाती है।
शरीर में स्थान माँ का अनहत चक्र है।
माँ के साथ हरा रंग सम्बन्धित जाना गया है।
जिनकी कुण्डली में सूर्य का दोष हो वह इनके लघु मन्त्र का जप करें।
लघु मन्त्र
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः