उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।

उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत। उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत। उठो जागो लक्ष्य प्राप्ति तक रुकना नहीं। उठो कोई और जगाने नहीं आएगा। वर्चसश्री दिनेश कुमार https://dineshji.com

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