नवरात्री सप्तमी दिवस ‘माँ कालरात्रि’

नवरात्री सप्तमी दिवस ‘माँ कालरात्रि’

नवरात्री सप्तमी दिवस ‘माँ कालरात्रि’ 


  1. माँ की महिमा और उल्लेख ऋग वेद और अनेक पुराणों में आता है। 

  2. माँ अपने नाम की सार्थकता में समस्त नकारात्मक शक्तियों का सँहार करती हैं। असुर, भूत, पिशाच, नकारात्मकता माँ के स्मरण से तिरोहित हो जाते हैं। 

  3. सफलता का मार्ग माँ की साधना से प्रशस्त होता है इसलिए माँ का एक नाम ‘शुभमकरी’ भी है। 

  4. माँ के जप द्वारा कुण्डली में शनि के दोष को प्रभावित करते हैं, ऐसा ज्ञानी बताते हैं ।

  5. शरीर में माँ का स्थान सहस्त्रार चक्र है। 

  6. माँ के ज्ञानी श्वेत रंग बताते हैं। 

  7. माँ को गुड़ का भोग लगता है। 

  8. माँ के जप हेतु लघु मन्त्र 

ॐ देवी कालरात्रयै नमः


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

 नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


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