अपने भीतर की शक्तियों से जन्मे चमत्कार वैसे तो हमारे आस पास भी होते ही रहते हैं, पर ऐसा सम्भव ही नहीं हो पाता की समझ भी पाएं की यह हुआ क्या है। यह वाक्य कोई पहेली नहीं है, यह वाक्य तुम्हारे आस पास अत्याधिक सफल लोगो के बारे में है जिन्हें तुम अपनी ही तरह मानते आए हो पर अचानक जीवन के सफर में बहुत आगे निकल गए। मुझे पता है की ऐसे लोगो की बात आते ही तुम कहने लगते हो "यार वो तो खास ही किस्मत लिखा के आया है भाई"... यह सच है की वह आगे निकल गए कुछ लोग तुमसे कोई ज्यादा अक्लमंद यां कहें की कुछ अलग ही भाग्य लेकर पैदा हुए हों। नहीं यह बात नहीं है, ज्योतिषयों ने तो धीरू भाई अम्बानी की कुंडली में भी कुछ विशेष नहीं देखा था। सच तो यह है की आदमी सफल हो जाए तो कुंडली बाँचने वालो को छुपा छुपी का खेल खेलने वाले ग्रह भी स्पष्ट दिखने लगते हैं। अब तक का घन्शु तब घनश्याम दास लगने लगता है।
चलो लम्बी बात नहीं करते बस काम की कहते हैं। देखो भाई जो लोग सफलता की ऊंचाई को छू जाते हैं उनमें खोई खास बात केवल एक ही होती है और वह यह की अपने अंदर ही अंदर वह संकल्प शक्ति को जगा जाते हैं। वह संकल्प शक्ति उनकी झिझक को समाप्त करा देती है, असफलता के भय को समाप्त कर डालती है , कोई मुझे न बोल देगा इस संकोच को भस्म कर डालती है, पहल करने की अनजानी हूक उसमें जन्म से ही आई होती है । सामान्य सा हमारे ही बीच घूमने वाला वह अदना सा मूर्ख अपनी इस छुपी क्षमता के कारण कुछ से कुछ बन जाता है। हमारी बात पर विश्वास करने के लिए अपने आस पास नजर दौड़ा कर देखो।
तुम भी कुछ कम नहीं हो और न ही तुम्हारा भाग्य का बेड़ा गर्क हुआ है। मेरे भाई वही है संकल्प शक्ति का अभाव जो सामने से चीजों को खिसका के ले जाता है। संकल्प शक्ति जगाई जा सकती है। संकल्प शक्ति का जागरण एक विधिवत तकनीक है न की कोई बाबा जी का ताबीज। संकल्प शक्ति जगाने हेतु हम अपने गहरे अनुभवों के द्वारा तुम्हें यह निश्चित रूप से कह सकते हैं की अगर तुम गम्भीर हो तो तुम्हारे सत संकल्पों की ताकत को रोका नहीं जा सकता। हमारे बोल कल्पना जगत नहीं अपितु इसी व्यवहारिक जगत के प्रत्यक्ष अनुभवों पर आधारित हैं। यह विद्द्या स्कुल कालेज में नहीं पढ़ाई जाती इसे जीवन जीने की कला की भाँति सीखना और विकसित करना पड़ता है।